नमस्कार फ्रेंड्स स्वागत है आपका निलुस किचन के इस नए पोस्ट में और में आज आपको कुछ ऐसे तुलसी के 10 फायदे बताने वाली हु तो इसे अंत तक जरूर पढ़े।
फ्रेंड्स तुलसी के कुछ प्रकार है जैसे की राम तुलसी , श्याम तुलसी , वन तुलसी , स्वेत तुलसी , निम्बू तुलसी जिसे हम उपयोग करने वाले है। तुलसिका महत्त्व हमारे वेद और पुराणों में काफी सालो से रहा है और इश्को वैगनानिको के द्वारा भी सही माना गया है।
आमतौर पर घरों में दो तरह की तुलसी देखने को मिलती है. एक जिसकी पत्तियों का रंग थोड़ा गहरा होता है औ दूसरा जिसकी पत्तियों का रंग हल्का होता है।
तुलसी का उपयोग कही साडी बीमारी में किया जाता है जैसे की स्वाइनफ़्लुए , डेंगू , मलेरिआ , जोड़ो में दर्द है , खासी या जुखाम , मोटापा , शुगर की बीमारी है , पेट में जलन होती है उसके लिए , वगेरे 200 से अधिक बीमारी में हम उपयोग कर शक्ति है।
तुलसी के 10 महत्वपूर्ण फायदे
1.) प्रतिरोधक क्षमता : तुलसी के 4-5 पत्ते प्रतिदिन खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। दूषित पानी में तुलसी की कुछ ताजी पत्तियां डालने से पानी का शुद्धिकरण किया जा सकता है। तांबा और तुलसी दोनों ही पानी को शुद्ध करने की क्षमता रखते हैं। इसका जल पीने से भी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
2.) खून की कमी : इसके सेवन से लाल रक्त कणों में इजाफा होता है और हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है। एक बूंद श्री तुलसी का प्रतिदिन सेवन करने से पेट संबंधी बीमारियां धीरे-धीरे समाप्त हो जाती हैं।
3.) मोटापा : वजन घटाने के लिए भी तुलसी बेहद काम की चीज है। इसके नियमित सेवन से आपका मोटापा तो कम होगा ही, यह कोलेस्ट्रॉल को कम कर रक्त के थक्के जमने से रोकती है। इससे हार्ट अटैक की संभावना भी कम होती है।
4.) बल जड़ना : बालों में किसी भी प्रकार की समस्या जैसे- बाल झड़ना, सफेद होने पर इस रस को तेल में मलाकर लगाना लाभकारी होगा। वहीं जुएं य कीड़े होने पर रस की कुछ बूंदें नींबू के रस में मिलाकर लगाएं और कुछ घंटों के बाद धो लें। इससे काफी लाभ होगा।
5.) सूजन को कम करने में : हाथ पैरों में सूजन की समस्या कई लोगों के साथ देखी जा सकती है। अगर आपको भी यह दिक्कत है तो आप तुलसी का इस्तेमाल शुरू करें। बता दें कि तुलसी में एंटी बैक्टीरियल और एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो सूजन को कम करने में प्रभावी होते हैं।
6.) किडनी के रोगों : किडनी की पथरी में तुलसी की पत्तियों को उबालकर बनाए गए जूस को शहद के साथ 6 महीनों तक रोज़ाना पीने से पथरी खत्म होकर बाहर निकल जाती है.
8.) सांप काटने पर : 5-10 तुलसी-पत्र-स्वरस को पिलाने से तथा इसकी मंजरी और जड़ों को पीसकर सांप के काटने वाली जगह पर लेप करने से सर्पदंश की पीड़ा में लाभ मिलता है। अगर रोगी बेहोश हो गया हो तो इसके रस को नाक में टपकाते रहना चाहिए।
9.) चोट लगने पर : चोट लगने पर भी तुलसी का उपयोग किया जाता है क्योंकि इसमें रोपण और सूजन को कम करने वाला गुण होता है। तुलसी का यही गुण चोट के घाव एवं उसकी सूजन को भी ठीक करने में सहायक होता है।
10.) खासी या जुखाम : 10-12 तुलसी के पत्ते तथा 8-10 काली मिर्च के चाय बनाकर पीने से खांसी जुकाम, बुखार ठीक होता है।
फेफड़ों में खरखराहट की आवाज़ आने व खांसी होने पर तुलसी की सूखी पत्तियां 4 ग्राम मिश्री के साथ देते हैं।
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